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आपने कभी सोचा है कि "मनुष्य जन्म का सही ध्येय (लक्ष्य) क्या है? क्या मैं सिर्फ एक नाम हूँ या मेरी पहचान और अस्तित्व से परे कुछ है? क्या शाश्वत सुख और शांति का अनुभव कर पाना संभव है?"
ऐसे मूल आध्यात्मिक और दुन्यवी प्रश्नों के उत्तर परम पूज्य ए.एम.पटेल. यानी परम पूज्य दादा भगवान ने दिए हैं। उन्होंने कहा है कि आत्मा के परम सुख में निरंतर रहा जा सकता है और साथ में संसार की सभी परिस्थितियों में समता रखी जा सकती है।
कोई भी प्रकार की महेनत किए बगैर दो घंटे में ज्ञानविधि में ज्ञानी की कृपा से आत्म साक्षात्कार हो सकता है। इस अक्रम मार्ग से मिलानेवाले आत्मज्ञान से जीवन की सभी समस्याओं से निपटारा (निवारण) मिलता है।
बहुत सारे लोगों ने ये शाश्वत सुख का अनुभव किया है !