Description
सांसारिक जीवन में पिता-पुत्र, माता-पुत्र या पुत्री, पति-पत्नी वगैरह के संबंध हैं। इसके अलावा संसार में गुरु-शिष्य का संबंध भी है। यह एक ऐसा संबंध है जिसमें गुरु को समर्पित होने के बाद में शिष्य पूरा जीवन उनके प्रति सिन्सियर रहता है और गुरु के प्रति परम विनय में रहकर, वह गुरु की सभी आज्ञाओं का पालन करके अंत में आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्त करता है। आज गुरु के बारे में अनेक अलग-अलग मान्यताएँ हैं इसलिए लोग बहुत भ्रमित हो जाते हैं कि सच्चे गुरु को कैसे खोजें।
इस विषय पर ज्ञानीपुरुष पूज्य नीरू माँ को अनेक प्रकार के प्रश्न पूछे गए और सभी प्रश्नों के उन्होंने प्रश्नकर्ताओं को सटीक और संतोषदायक उत्तर दिए हैं।