Description
जब तक आप कर्म बांधते हैं, तब तक आपके लिए हमेशा पुनर्जन्म है ही। अगर आप को कर्म बंधन होगा तो अगले जन्म में आपको उसके परिणाम भुगतने ही पड़ेगें। यह ऐसा विज्ञान है कि रोज़मर्रा का जीवन जीते हुए भी आप को कर्म बंधन न हो। आत्मविज्ञानी परम पूज्य दादाश्री ने दुनिया को यह"कर्म का विज्ञान"दिया है।
जब आप इस विज्ञान को पूरी तरह से समझ जाएँगें तो आप की भी मुक्ति हो जाएगी।