Description
जब भी हमें बिना किसी दोष के दुःख भुगतना पड़ता है, तब यह प्रश्न बार-बार होता है कि इसमें मेरी क्या गलती है? हमें दुःख किस कारण से है? इस संकलन में पूज्य नीरू माँ मान और अपमान में सुख और दुःख की असरो की बाते करते है | दोनों से पर होकर मोक्ष के पन्थ पर आगे चलने का मार्ग दर्शन देते है |